प्राचार्य
प्रिय विद्यार्थियो!
देखो-देखो- कैसे आज पूरी दुनिया नई गति, नए नियम-कायदों के साथ तेजी से बदल रही है! शिक्षा, कला, विज्ञान, खेल, संगीत, चिकित्सा आदि सभी क्षेत्रों में नए-नए प्रयोग और अन्वेषण हो रहे हैं। नई शिक्षा नीति-2020 आधुनिक सोच और समझ से ओत-प्रोत शिक्षा की दिशा और शैली की ओर भी बढ़ रही है। नई विधियों और प्रक्रियाओं को आत्मसात करके अभूतपूर्व नवाचार। शिक्षा के सीखने-सिखाने का क्षेत्र, विद्यालय की कक्षाओं की खिड़कियों से बाहर निकलकर अपने परिवार, पर्यावरण, समाज, सामाजिक संस्कृति, स्थानीय शिल्प, कौशल, व्यवसाय खेल-लोक गीत-लोक नृत्य-लोक भाषा आदि को सम्मिलित करता है, दिन-ब-दिन व्यापक एवं सजीव अवतार बनता जा रहा है। स्वीकार कर रहा है. ऐसे बदलते परिदृश्य में आपको मूकदर्शक बनने की बजाय अपने सामाजिक परिवेश की हर गतिविधि को बारीकी से अनुभव करना चाहिए और इसे अपनी स्कूली शिक्षा का अभिन्न अंग बनाना चाहिए। शिक्षा का मूल आपके सर्वांगीण विकास और आपके रचनात्मक प्रगतिशील व्यवहार परिवर्तन में निहित है। अपने समुचित शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अपना होमवर्क और क्लास वर्क समय पर करने की आदत बनाएं, उचित खान-पान, नियमित योग-व्यायाम, व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें और लगातार अभ्यास करते रहें। पूरी दुनिया एक ऐसे छात्र की ओर देख रही है जो बहु-प्रतिभाशाली हो, नवाचारों का अग्रदूत हो, आधुनिक तकनीक के संचालन में माहिर हो और देश-विदेश की विकासात्मक पहलों से परिचित हो। प्रिय विद्यार्थियो! शिक्षा की जड़ें कड़वी जरूर हैं, लेकिन शिक्षा के फल बहुत स्वादिष्ट और सर्वांगीण स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। एक सुशिक्षित विद्यार्थी ही एक कुशल सामाजिक व्यक्ति, संस्कारी व्यक्ति, कुशल चिकित्सक, वैज्ञानिक, कुशल राजनीतिज्ञ आदि बनकर अपने परिवार, पर्यावरण , समाज और देश के उत्थान में अविस्मरणीय योगदान देकर वैश्विक प्रगति का संवाहक बनता है।
प्रिय माता-पिता और अन्य हितधारक! किसी भी बच्चे की शिक्षा और संस्कार की पहली और प्राथमिक पाठशाला उसका अपना घर और वातावरण ही होता है। मासूम होते हुए भी बच्चा परिवार की हर गतिविधि को पैनी नजर से देखता रहता है। अत: उनके लिए संयमित एवं आदर्श व्यवहार का प्रस्तोता बनकर ऐसा सुरक्षित वातावरण तैयार करें जिससे वे निर्भीक एवं बिना किसी बाधा के अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त कर सकें। बच्चों को उचित पौष्टिक आहार देते रहें। बच्चों के लिए विश्वसनीय और सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करें। बच्चों को घर पर पढ़ाई के लिए अनुकूल और बाधा-मुक्त स्थान प्रदान करें। बच्चों को उनके होमवर्क में यथासंभव मदद करें। आपका बच्चा अभी भी बच्चा है, इसलिए प्रौद्योगिकी के इस युग में, उसके द्वारा उपयोग किए जा रहे तकनीकी उपकरणों और उसके व्यवहार में बदलाव पर कड़ी नजर रखना आवश्यक है। बच्चों से सदैव निकटता बनाये रखें तथा उनके साथ आपसी बातचीत एवं मैत्रीपूर्ण व्यवहार बनाये रखें। विद्यालय में समय-समय पर आयोजित अभिभावक-शिक्षक बैठकों में भाग लेते रहें और बच्चों की भविष्य की उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सुझाए गए तरीकों को क्रियान्वित करके एक गौरवान्वित अभिभावक की भूमिका निभाएँ। संपूर्ण विद्यालय प्रबंधन प्रणाली, अपने-अपने विषयों में प्रशिक्षित और विशेषज्ञ शिक्षकों के साथ, सर्व-समावेशी-एकीकृत नवीन प्रौद्योगिकी से सुसज्जित और सार्वभौमिक शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध, आपके साथ है, छात्रों की सुरक्षा के लिए तैयार है।
श्रीमती शिल्पा मल्होत्रा
प्राचार्य
पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय,
वायुसेना स्थल चांदीनगर